भाजपा के सबसे बड़े मुस्लिम नेता के रूप में मुख्तार अब्बास नकवी को जाना जाता है। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि भाजपा में नकवी का भविष्य किस दिशा में जाएगा। यहां तक कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी नकवी का पत्ता कटने के आसार बन रहे हैं। दरअसल, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अभी राज्यसभा के सांसद हैं उनका राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है लेकिन भाजपा ने उनके नए कार्यकाल के लिए फिर से राज्यसभा नहीं भेजने का फैसला लिया है। ऐसे में 7 जुलाई के बाद वह संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। उनकी संसद पहुंचने की उम्मीद रामपुर उपचुनाव पर टिकी थी लेकिन यहां से भी उन्हें टिकट नहीं मिला है। ऐसे में कई प्रकार की कयासबाजी लगाई जा रही है कि नकवी का भविष्य क्या होगा। गत सप्ताह भाजपा ने लोकसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। इसमें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर की सीट भी शामिल है। माना जा रहा था कि नकवी को रामपुर से उम्मीदवार बनाया जा सकता है, लेकिन भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। उनकी जगह घनश्याम लोधी को टिकट दे दिया गया है। नकवी ने पहले भी रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था इसलिए उम्मीद थी कि उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा। नकवी रामपुर से 1998 में लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि इसके बाद दो बार उन्हें (1999 और 2009) में यहां से हार का सामना भी करना पड़ा।
अधर में नकवी का राजनीतिक भविष्य!
