उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के बाद भाजपा का सूपड़ा साफ करने की आस कर रहे विपक्षी दलों का खुमार अब टूटने की खबरें आ रही हैं। इन खबरों के मूल में बसपा प्रमुख मायावती द्वारा अब तक तय किए गए लोकसभा प्रत्याशियों की वह सूची है जिनमें जनाधारविहीन और गैर राजनीतिक लोगों का नाम शामिल होना है। अफवाहों का बाजार खास गर्म है कि बसपा प्रमुख प्रत्याशियों से भारी चंदा वसूल कर रही हैं। मेरठ और नोएडा सीट के लिए पंद्रह से बीस करोड़ चंदा दिए जाने के समाचार हैं। मायावती के इस माया प्रेम के चलते सपा समेत विपक्षी दलों में भारी चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व अपने समर्थकों को बसपा का टिकट लेने के लिए आर्थिक मदद तक कर रहा है ताकि ऐन चुनाव के समय ऐसे उम्मीदवार भाजपा के पक्ष में बैठ जाएं। जाहिर है यदि इन अफवाहों में जरा भी सच्चाई है तो इस गठबंधन की लुटिया डूबनी तय है।