उत्तर प्रदेश की राजनीति में लगभग हाशिए में पहुंच चुकी बहुजन समाज पार्टी अब सोशल मीडिया का महत्व स्वीकारने लगी है। एक समय था जब बसपा सुप्रीमो सोशल मीडिया में खुद तो सक्रिय नहीं ही रहती थीं, पार्टी पदाधिकारियों को भी इससे दूर रहने की सख्त हिदायत थी। 2007 के विधानसभा चुनावों में बसपा को जबर्दस्त सीटें मिली। पार्टी के 206 प्रत्याशी एमएलए का चुनाव जीतने में सफल रहे। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी मात्र 97 सीटें तो भाजपा 51 सीटें जीत पाई थी। 2012 में लेकिन 206 से नीचे उतर बसपा 80 सीटों पर सिमट गई। भाजपा ने 51 सीटें लेकर अपनी पुरानी परफाॅरमेंस दोहराई तो अखिलेश यादव के जादू चलते सपा 224 सीटें जीत नंबर वन पार्टी बन गई। 2017 के चुनाव में मोदी का जादू मतदाता के सिर चढ़कर बोला। भाजपा ने 312 सीटें जीत पूरे प्रदेश में अपना परचम लहरा दिया। सपा 224 से नीचे गिरी तो 47 सीटों पर जा अटकी। मायावती की बसपा का सूपड़ा साफ हो गया। उसे 19 सीटों पर जनता ने ला पटका। पार्टी की इस दुर्गति के बाद अब खबर है कि ‘बहनजी’ ने पार्टी नेताओं को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया में सक्रिय होने के निर्देश दिए हैं। स्वयं माया मैडम ‘फेसबुक’, ‘ट्वीटर’ और ‘वाट्सअप’ में खासी सक्रिय हो चली हैं। हालांकि पार्टी का कैडर मायावती की इस सक्रियता से खास प्रसन्न नहीं बताया जा रहा है, क्योंकि जमीनी स्तर पर माया मैडम कहीं भी योगदान देती नजर नहीं आ रही हैं।
माया अब सोशल मीडिया में सक्रिय
