पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की जीतोड़ कोशिश कर रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो ममता 2019 के आम चुनाव बाद की संभावना को देख खुद को विपक्षी महागठबंधन का चेहरा बनाने की कवायद कर रही हैं। हालांकि स्वयं ममता इस मुद्दे पर सीधे कुछ भी बोलने से परहेज करती आईं हैं। पिछले दिनों अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान पत्रकारों के इस बाबत पूछे गए सवालों को वे बड़ी खूबसूरती से टाल गईं। उन्होंने खुद की तुलना नन्हीं गिलहरी से कर डाली। बकौल ममता भगवान राम जब लंका पहुंचने के लिए समुद्र में सेतु बना रहे थे तो गिलहरियों ने भी अपना योगदान देना चाहा। राम की वानरसेना ने इस पर उन्होंने बड़ा मखौल बनाया तो भगवान राम ने उन्हें आगाह किया कि इन गिलहरियों के द्वारा लाई जा रही मिट्टी और पानी के चलते ही इस पुल का निर्माण हो पा रहा है। जानकारों की मानें तो ममता ने कांग्रेस को संदेश देने का काम किया है कि बगैर उनके विपक्षी महागठबंधन संभव नहीं और 2019 में वे भी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर सकती हैं।