गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और भूमिपुत्र एम्या मंच का ममता के समर्थन में उतरने का असर नार्थ बंगाल में अभी से नजर आने लगा है। नार्थ बंगाल के जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, दार्जिलिंग, माल्दा और मुर्शिदाबाद जिलों में राजवंशी जनजाति का दबदबा है। ये समुदाय लंबे अर्से से अपने लिए अलग राज्य की मांग करता रहा है। ममता बनर्जी ने इनके संगठन का समर्थन मिलते ही नार्थ बंगाल में विकास कार्यक्रमों में जबरदस्त तेजी लाने का एलान कर डाला है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कूच बिहार यूनिवर्सिटी का नाम राजवंशियों के आदर्श पुरुष रहे पंचानन बर्मन के नाम पर करने की घोषणा कर डाली है। तृणमूल सूत्रों का दावा है कि अब ममता के टारगेट में वे भाजपा नेता हैं जो मुकुल राय-विजयवर्गीय जोड़ी के चलते खुद को उपेक्षित पा रहे हैं। चर्चा गर्म है कि दीदी इनमें से कुछ तक संपर्क करने में सफल हो चुकी हैं। जल्द ही ऐसे नेताओं को तृणमूल में शामिल करा वे भाजपा को ईंट का जवाब पत्थर से देने जा रही हैं।
We’ve decided to defeat BJP who cheated us. They didn’t fulfill any of our demands from 2009 to 2020. We’ll support Mamata Banerjee in North Bengal. We want to see her as the third time CM. She keeps her promises: Roshan Giri, Gorkha Janmukti Morcha (Bimal Gurung faction) (29.11) pic.twitter.com/a0AkJ6Qvwz
— ANI (@ANI) November 30, 2020