लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही वक्त है, लेकिन राज्य में सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। कौन किसके साथ और विरोध में है, इसकी लकीर उभरने लगी है। सात महीने पहले बिहार में महागठबंधन के 7 दलों के मुकाबले भाजपा अकेले थी, लेकिन अब वह अपनी ब्रिगेड तैयार करने में जुट गई है। पहले आरसीपी सिंह और अब उपेंद्र कुशवाहा ने सत्ताधारी जदयू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कभी सीएम नीतीश के खास रहे दोनों नेता अब भाजपा के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं हैं। भाजपा को इस बात की खुशी है कि दोनों बागी नेता आने वाले चुनाव में महागठबंधन की राह में रोड़ा अटका सकते हैं। जदयू से अलग होकर कुशवाहा के नई पार्टी बनाने के दूसरे दिन ही बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उपेंद्र कुशवाह के घर जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं की बंद कमरे में हुई मुलाकात ने सियासी पारा चढ़ा दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले चुनावों में कुशवाहा एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं।