राहुल गांधी ने सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी का पर्चा खारिज होने और भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के निर्विरोध जीतने पर चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ होने का आरोप लगाया था। अब चर्चा है कि निलेश कुंभानी जल्द ही कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। उनके भाजपा में आने का समय पार्टी के शीर्ष नेताओं से बातचीत के बाद तय किया जाएगा। कहा जा रहा है कि जल्द ही निलेश कुंभानी उस राजनीतिक पार्टी का प्रचार करते दिखाई पड़ सकते हैं, जिसके खिलाफ कांग्रेस ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। असल में मुकेश दलाल भले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके हैं, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि उनकी सूरत सीट से दावेदारी पर भाजपा के अंदर से ही सवाल उठ रहे थे। उन्हें बाहर से आया हुआ उम्मीदवार बताया जा रहा था। लिहाजा पार्टी के पुराने कार्यकर्ता उनकी दावेदारी का विरोध कर रहे थे, लेकिन गुजरात भाजपा के ताकतवर प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का बेहद करीबी होने के नाते पार्टी कार्यकर्ता उनका खुलकर विरोध नहीं कर सके। सूत्रों के अनुसार नीलेश कुंभानी के पर्चा खारिज होने की कहानी भाजपा के ही एक शीर्ष नेता के इशारे पर लिखी गई थी। यानी यह तय हो चुका था कि कुंभानी अपना पर्चा दाखिल करेंगे और उसमें अपने रिश्तेदार और दो भरोसेमंद साथियों को गवाह बनाएंगे। उसी प्लान पर काम करते हुए नीलेश कुंभानी ने अपने एक रिश्तेदार और दो भरोसेमंद साथियों को अपना गवाह बनाया। इसके बाद तय तारीख के बाद कुंभानी के प्रस्तावकों ने अपना फर्जी हस्ताक्षर किए जाने का दावा कर दिया और स्वयं भूमिगत हो गए।
हाथ छोड़ कमल पकड़ेंगे कुंभानी
