[gtranslate]

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी किसी भी समय अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने पद छोड़ने की इच्छा सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। हालांकि काफी पहले ही स्वयं को राज्यपाल के तौर पर असहज महसूस करने की बात कह दी थी। दूसरी ओर महाराष्ट्र में उनके विवादित बयानों के कारण स्वयं भाजपा नेतृत्व भी असहज हो रहा था। राज्यपाल पद छोड़ने का एक कारण उनके बयानों से उत्पन्न विवाद से
भाजपा नेतृत्व की नाराजगी भी माना जा रहा है। ऐसे में कोश्यारी के इस्तीफे की चर्चाओं के साथ ही उत्तराखण्ड की राजनीति में भूचाल आने की संभावना बढ़ गई है। प्रदेश की राजनीति में इस समय कांग्रेस से हरीश रावत और भाजपा से भगत सिंह कोश्यारी ही शीर्ष नेता हैं। इन दोनों का ही गढ़वाल और कुमाऊं में व्यापक जनाधार है। इसलिए इतना बड़ा राजनीतिज्ञ राजनीति को भूल कर पहाड़ों पर जाकर अध्ययन या तपस्या करे, ऐसा विश्वास करना जानकारों के लिए बहुत कठिन है। इसलिए यह भी चर्चा है कि कोश्यारी के सम्मानजनक पुनर्वास के लिए उनके राजनीतिक शिष्य या मानस पुत्र पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश की बागडोर वापस लेकर कोश्यारी को सौंप दी जाए। ऐसी अटकलें 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी लग रही हैं। जानकारों की मानें तो जहां तक कोश्यारी की उम्र का सवाल है तो वह 81 साल के हो गए हैं और कर्नाटक में भी भाजपा 80 साल पार कर चुके येदुरप्पा को मुख्यमंत्री बना चुकी है। भाजपा की शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड में भी अस्सी की उम्र पार कर चुके नेता बैठे हुए हैं। वैसे भी कोश्यारी का उपयोग करना भाजपा की जरूरत है। अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी कोश्यारी जैसे व्यापक जनाधार और राजनीतिक सूझबूझ वाले नेता की जरूरत भाजपा को होगी। उत्तराखण्ड की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह इस्तीफा देकर कोश्यारी के वापस प्रदेश लौटने पर ही पता चलेगा।

You may also like

MERA DDDD DDD DD