आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों पूरी तरह से खामोश हो गए हैं। जब से उनके सरकारी आवास की साज-सज्जा पर 45 करोड़ रुपए खर्च करने की खबर आई तब से वे चुप हो गए हैं। वे एक दिन जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं से मिलने जरूर गए थे। लेकिन राजनीतिक गतिविधियों से दूर ही रह रहे हैं। यहां तक कि कर्नाटक चुनाव में प्रचार के लिए नहीं गए हैं। एक समय वह भी था जब केजरीवाल और भगवंत मान एक साथ गुजरात में रैलियां कर रहे थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक चुनाव प्रचार को लेकर केजरीवाल के वहां जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। इसी तरह अपने बंगले को लेकर चल रही कहानियों या उससे जुड़े रिकॉर्ड जब्त करने के उप राज्यपाल के आदेश या हर बार सुनवाई में मनीष सिसोदिया की जमानत खारिज होने जैसे मसले पर भी वे कुछ नहीं बोल रहे हैं। उल्टे उनके पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे अपने को आम आदमी बता कर सादगी से रहने की कसमें खा रहे हैं। उनका एक ट्वीट वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर में 10 एसी लगे होने पर सवाल उठाया था और हैरानी जताई थी कि कोई कैसे इतने आलीशान घर में रह सकता है। अब उनके घर की साज-सज्जा पर 45 करोड़ रुपए खर्च होने के दस्तावेज सामने आ गए हैं। इससे केजरीवाल की आम आदमी वाली छवि को जो धक्का लगा है उसे ठीक करना उनके और पूरी पार्टी के लिए मुश्किल हो रहा है।
कोपभवन में केजरीवाल
