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81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए इस साल अंत में चुनाव होने हैं। राज्य में 24 जिले हैं। प्रदेश में जिलाधिकारियों को उपायुक्त कह पुकारा जाता है। गत् 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जारी किया गया एक आदेश राज्य के 24 उपायुक्तों के गले की फांस बनने लगा है। सोरेन ने उपायुक्तों को जारी आदेश में कहा है कि वे ऐसे भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज करें जो चुनाव आयोग के मानदंडों का खुला उल्लंघन करते हुए वोटरों को आर्थिक लालच देकर उनको गुमराह करने का काम कर रहे हैं। दरअसल, भाजपा इन दिनों राज्यभर में महिला वोटरों से एक फार्म भरवा रहे हैं जिसमें यह कहा गया है कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही महिलाओं के बैंक खातों में प्रतिमाह 2100 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। इसे भाजपा ने ‘गोगो दीदी’ योजना नाम दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जब तक आचार संहिता लागू नहीं हो जाती है तब तक चुनाव आयोग के निर्देशों के उल्लंघन का प्रश्न ही नहीं उठता है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सोरेन ने पूरे मसले पर कड़ा रुख अख्तियार कर अधिकारियों को बड़े धर्मसंकट में डाल दिया है। सूत्रों की मानें तो नौकरशाह भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने से बेहद घबरा रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि चुनाव बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन होता है तो नई सरकार उन्हें दंडित करने से पीछे नहीं हटेगी और यदि वे मुकदमें दर्ज नहीं करते हैं तो वर्तमान सरकार उनके खिलाफ हो जाएगी। बेचारे बाबू ‘इधर कुआं – उधर खाई’ के मकड़जाल में जा फंसे हैं।

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