जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कार्यभर संभालने के साथ ही पार्टी को चुस्त-दुरस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। खबर है कि अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल में पार्टी के नेताओं संग पहले दौर की बातचीत कर उन्हें अपने दम पर चुनावी तैयारी के निर्देश दे डाले हैं। भाजपा ने जिस प्रकार अरुणाचल प्रदेश में जदयू के विधायक अपनी तरफ किये हैं उससे जदयू में भाजपा को लेकर खासी नाराजगी है। यही कारण है कि बिहार में भाजपा की पैठ पर ब्रेक लगाने के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी पार्टी संगठन को मजबूत करने का प्रयास युद्धस्तर पर शुरू किया जा चुका है।
जानकारों का दावा है कि बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर के नेताओं संग नए अध्यक्ष ने वार्त्ता की शुरुआत कर भाजपा को स्पष्ट संकेत देने का काम किया है कि गठबंधन धर्म निभाने की जिम्मेदारी अकेले जदयू की नहीं है। सूत्रें की मानें तो आरसी पी सिंह ने पं- बंगाल और असम के प्रदेश अध्यक्षों से उन सीटों को चिन्ह्ति करने को कहा है जिन पर जदयू अपने प्रत्याक्षी खड़ा करना चाहती है। खबर गर्म है कि भाजपा को सबक सिखाने की नीयत से अब जदयू अन्य किसी भी राज्य में एनडीए गठगंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। इतना ही नहीं चर्चा यह भी जोरों पर है कि नीतीश कुमार राजद के साथ एक बार फिर से हाथ मिलाने की संभावना टटोलने में जुट गए है। यही कारण है राजनीतिक विशेषक जल्द ही बिहार की राजनीति में एक बड़े भूचाल का आना तय मान रहे हैं।