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भाजपा के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चैहान एक समय में नरेंद्र मोदी के प्रतिद्वंदी माने जाते थे। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा बनने के लिए उन्होंने भी जमकर पार्टी और संघ भीतर लाॅबिंग की थी। अब लेकिन उनके तेवर न केवल ठंडे पड़ चुके हैं, वरन वे प्रधानमंत्री मोदी के नक्शे-कदम पर चलने को आतुर दिखाई देने लगे हैं। मोदी शैली में जुमलों की भाषा का इस्तेमाल इन दिनों शिवराज खासा करते नजर आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी को ‘टेरर, मर्डर, करप्शन’ कह पुकारा तो कांगे्रस यानी आईएनसी को ‘इररिस्पांसिबल, नेपोटिज्म, करप्ट’ कह डाला। शिवराज को उम्मीद नहीं थी कि विपक्षी दल उनके इन नामकरणों पर पलटवार भी कर सकते हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने ठीक ऐसा ही करते हुए शिवराज को ‘सेन्सलैस, होपलैस, इंडियट, वायरस, रिजिड, ऐबसेन्ट माइंड, जोकर’ की संज्ञा दे डाली। खबर है इससे शिवराज खासे आहत हैं। उनके करीबियों का कहना है कि शिवराज ने विपक्षी पार्टियों की बाबत कहा था, किसी पर व्यक्तिगत प्रहार नहीं किया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने लेकिन शिष्टता की मर्यादा को पार करते हुए उन्हें ‘इडियट’, ‘जोकर’ आदि कह डाला। मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक युवा विधायक से जब पूछा गया तो बड़ी मासूमियत से उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा सीएम को दी गई संज्ञाओं को सही ठहराते हुए कहा कि ‘शिवराज शक्ल से ही क्या आपको वैसे नजर नहीं आते जैसा हमने उन्हें बताया है’। जानकारों की मानें तो शिवराज ने भविष्य में इस प्रकार की जुमलेबाजी से तौबा करने का मन बना लिया है।

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