इस वर्ष के अंत में गुजरात विधानसभा के चुनाव होने हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार है। कुछ अर्सा पहले ही भाजपा आलाकमान ने राज्य में गहरी पैठ बना चुके एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर को थामने का प्रयास विजय रूपाणी मंत्रिमंडल के स्थान पर एकदम नया मंत्रिमंडल बनाकर किया। भारतीय राजनीति में ऐसा पहली बार देखने को मिला कि सीटिंग मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को हटाकर भाजपा नेतृत्व ने एक बैकबेंचर विधायक भूपिन्दर पटेल को सीएम बनाने के साथ-साथ विजय रूपाणी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को भी पैदल कर डाला। इस फैसले के बाद प्रदेश भाजपा में भारी असंतोष के समाचार लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं। ताजा खबर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीआर पाटिल और पूर्व सीएम विजय रूपाणी के मध्य तेज हो रहे शीतयुद्ध को लेकर आ रही हैं। दरअसल, कुछ अर्सा पहले ही प्रदेश भाजपा के कोर गु्रप का पाटिल ने पुनर्गठन किया है। नए बने कोर ग्रुप में विजय रूपाणी शामिल नहीं हैं। हालांकि रूपाणी को पाटिल ने प्रदेश भाजपा के संसदीय बोर्ड में स्थान दिया है लेकिन कोर गु्रप से बाहर किए जाने के चलते रूपाणी बेहद खफा चल रहे हैं। गांधीनगर के सत्ता गलियारों में बड़ी चर्चा है कि रूपाणी खेमे के कई बड़े नेता पाला बदल कांग्रेस का हाथ पकड़ने की जुगत लगा रहे हैं। खबर यह भी जोरों पर है कि रूपाणी सरकार में नंबर दो मंत्री रहे नीतिन पटेल भी अपनी अनदेखी के चलते कुछ बड़ा गुल खिलाने के मूड़ में आ चुके हैं।