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हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान एक बात स्पष्ट रूप से उभर कर आई है राज्य सरकार का कामकाज जनता की नजरों में खरा नहीं उतरा है और वह पुरानी परंपरा का पालन करते हुए एक बार फिर से राज्य में सत्ता परिवर्तन का मूड बना चुकी है। इस बात को समझते हुए पीएम मोदी ने पार्टी की सत्ता में वापसी का पूरा दारोमदार अपने सिर पर ले लिया उन्होंने 5 नवंबर को प्रदेश में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए यहां तक कह डाला कि मतदाता उम्मीदवारों को न देखें बल्कि कमल के निशान पर बटन दबा सीधे मोदी को वोट दें। राजनीतिक विश्लेषकों की राय में यह पीएम के डेस्पेरेशन को दर्शाता है। दरअसल भाजपा प्रदेश में बागियों द्वारा बड़ा संकट का सामना कर रही है। जिन 11 निवर्तमान विधायकों का टिकट पार्टी ने काटा है उसमें से अधिकांश बागी हो या तो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं या फिर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम कर रहे हैं। ऐसे बागियों को मनाने तक का प्रयास स्वयं पीएम ने अपने स्तर से किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार से उन्होंने खुद बातचीत की। इस बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया जिसमें कृपाल परमार पीएम से कह रहे हैं कि वे जे ़पी ़नड्डा द्वारा लगातार प्रताड़ित किए गए हैं। गौरतलब है कि नड्डा हिमालच प्रदेश से ही आते हैं इसलिए ज्यादातर बागी अपने टिकट काटे जाने के लिए उन्हें ही दोषी मान रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के भीतर भी कलह जोरों पर है लेकिन वह इन चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है।

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