उत्तराखण्ड के सीएम तीरथ सिंह रावत को राज्य की कमान सौंपे जाने बाद भाजपा दिग्गजों के बीच इस बात की चर्चा सबसे ज्यादा होती है कि आखिर तीरथ के हाथों ‘जैकपाॅट’ लगा कैसे? बहुतों का मानना है कि ऐसा गृहमंत्री अमित शाह के आशीर्वाद चलते संभव हुआ है तो बहुत सारे ऐसे भी हैं जो उनका कनेक्शन सीधे प्रधानमंत्री मोदी से बताते घूम रहे है। पार्टी के एक बड़े नेता की माने तो तीरथ रावत को सीएम बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की रही है। इन महाशय का दावा है कि नड्डा ने ही सभी बड़े नेताओं की आपसी रार को भांप एक न्यूट्रल नेता के बतौर तीरथ को चुनने का सुझाव अमित शाह को दिया। बहरहाल अब चर्चा इस बात की गर्म है कि पार्टी आलाकमान नए सीएम के बयानों के चलते उपजे विवादों को लेकर तीरथ से खासा नाराज हैं। पार्टी सूत्रों की मानंे तो आलाकमान की इस नाराजगी से तीरथ सिंह रावत को अवगत भी करा दिया गया है। इतना ही नहीं जानकारों की माने तो नए सीएम को सख्त हिदायत भी जारी कर दी गई है कि वे किसी भी सार्वजनिक समारोह में केवल लिखा हुआ भाषण ही पढ़ें। खबर यह भी गर्म है कि नए सीएम के लिए विद्वान स्पीच राइटर की तलाश की जा रही है ताकि भविष्य में सीएम साहब की जुबान न फिसले।
तीरथ से नाराज आलाकमान
