गुजरात कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल को बिहार चुनाव का प्रभारी बनाया जाना स्पष्ट संकेट है कि सोनिया गांधी के अतिविश्वस्त पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और राहुल गांधी के बीच अविश्वास की खाई पट चुकी है और दोनों मिलकर कांग्रेस के भविष्य की नई इबारत लिखने में जुट गए हैं। गुजरात में नेता प्रतिपक्ष रह चुके शक्ति सिंह गोहिल को राहुल टीम का सदस्य माना जाता है। जून 2020 में ही उन्हें पार्टी ने राज्यसभा सदस्य बनाया है। इससे पहले 2014 में उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया था और 2018 में बिहार का प्रभारी। गोहिल मूल रूप से अहमद पटेल के आदमी समझे जाते हैं। 2017 के राज्यसभा चुनाव में वे ही अहमद पटेल के चुनावी एजेंट थे। राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बने इस चुनाव में भाजपा ने पटेल को हराने के लिए सारे घोड़े खोल दिए थे लेकिन उसके खाते में विफलता आई थी। पटेल की इस जीत के बाद शक्ति सिंह का पार्टी के कद और बढ़ गया था। बिहार में राजद के साथ सीटों के समझौते का दारोमदार शक्ति सिंह के हाथों में दिया गया। उन्होंने सत्तर सीटों पर राजद को मनवा अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि गोहिल ने वीआईपी पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को महागठबंधन में बनाए रखने का भरसक प्रयास किया लेकिन वे तेजस्वी यादव को मना नहीं पाए।