उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच लंबे अर्से से 2019 के चुनाव साथ लड़ने को लेकर बातचीतों का दौर जारी है। स्वयं बसपा सुप्रीमो और सपा अध्यक्ष कर्न्फम कर चुके हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा एक होकर भाजपा का मुकाबला करेंगे। बावजूद इस सबके अभी तक गठबंधन की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों की मानें तो अड़चन मुख्य रूप से मायावती की तरफ से आ रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के भय से बहन जी गठबंधन के औपचारिक एलान को टाल रही हैं। बसपाई सूत्रों की मानें तो बहन जी और अखिलेश यादव के मध्य सीटों के बंटवारे को लेकर मोटे तौर पर सहमति भी बन चुकी है। औपचारिक ऐलान ऐसे वक्त में किया जाएगा। जब आचार संहिता लगने वाली हो ताकि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों के जरिए मायावती को दबाव में ले सकने की स्थिति में ना रहे। खबर यह भी है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मायावती की इस रणनीति से सहमत हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण स्वयं उनके परिजनों का केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में होना बताया जा रहा है।
गठबंधन पर माया नीति
