उत्तराखण्ड कांग्रेस में एक बार फिर से पार्टी के दिग्गज नेताओं के बीच घमासान के समाचार सामने आने लगे हैं। यूं तो 2017 में भाजपा के हाथों मिली करारी शिकस्त के बाद से ही कांग्रेस राज्य में पस्त पड़ी है, बड़े नेताओं की आपसी रार चलते पार्टी की प्रदेश इकाई में कुछ भी ठीक चलता नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत एकला चलो की नीति पर अमल करते पूरे प्रदेश का सघन दौरा करते घूम रहे हैं तो दूसरी तरह उनके दौरों के दौरान संगठन की तरफ से कोई सहायता न पहुंचाने में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश की जोड़ी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। खबर है कि पार्टी आलाकमान से अपनी सीधी पहुंच के चलते अब हरीश रावत भी प्रीतम-हृदयेश द्वय को पहली शिकस्त सल्ट उपचुनाव में देने वाले हैं। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की मृत्यु से रिक्त हुई सीट से प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष रंजीत रावत इस सीट से अपने बेटे को लड़ाने के इच्छुक हैं।
राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हरीश रावत आखिरी समय में विक्रम के नाम पर सहमत भी हो सकते हैं। रावत की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि यदि भाजपा स्व ़ सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को टिकट देती है तो निश्चित ही सहानुभूति की लहर के चलते भाजपा सीट जीत ले जाएगी। ऐसे में उपचुनाव में विक्रम रावत को परास्त करा पूर्व सीएम 2022 के चुनावों में उनकी और उनके बेटे की दावेदारी को पूरी तरह से चैपट कर सकते हैं
रंजीत एक जमाने में हरीश रावत के हनुमान कहलाए जाते थे। रावत के सीएम काल में मंत्रियों से ज्यादा रंजीत की हनक-धमक थी। वक्त के साथ हालात और रिश्ते पूरी तरह बदल गए हैं। अब रंजीत रावत की गिनती पूर्व सीएम के कट्टर विरोधियों और प्रीतम-हृदयेश द्वय के समर्थकों में होती है। खबर गर्म है कि हरीश रावत सल्ट सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रही गंगा पंचोली को लड़ाना चाहते हैं। दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अपना जोर सल्ट के ब्लाॅक प्रमुख विक्रम रावत की दावेदारी पर लगा रखा है। विक्रम रंजीत रावत के पुत्र हैं। जानकारों का मानना है कि राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हरीश रावत आखिरी समय में विक्रम के नाम पर सहमत भी हो सकते हैं। रावत की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि यदि भाजपा स्व ़ सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को टिकट देती है तो निश्चित ही सहानुभूति की लहर के चलते भाजपा सीट जीत ले जाएगी। ऐसे में उपचुनाव में विक्रम रावत को परास्त करा पूर्व सीएम 2022 के चुनावों में उनकी और उनके बेटे की दावेदारी को पूरी तरह से चैपट कर सकते हैं।