शिवसेना संग जारी अपने अनवरत ‘युद्ध’ में भाजपा ने चार ऐसे योद्धाओं की टीम तैयार की है जिन्हें इन दिनों भाजपा के चार ‘आर’ कह पुकारा जाने लगा है। ये चार हैं राणे (नारायण), राणा (नवनीत), रणौत (कंगना) और राज (ठाकरे)। पिछले कुछ समय से ये चारों ‘आर’ शिवसेना और उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। जानकारों का दावा है कि भाजपा इस समय महाराष्ट्र राजनीति में फ्रंट फुट पर रह अपनी रणनीति परवान चढ़ा रही है क्योंकि उसका लक्ष्य इस वर्ष होने जा रहे वृहत मुंबई नगर पालिका चुनावों में जीत हासिल करना है। मुंबई नगर पालिका में लंबे समय से शिवसेना का कब्जा है। यदि भाजपा ऐसा कर पाई तो महाविकास अघाड़ी सरकार के साथ-साथ शिवसेना के लिए यह भारी आघात होगा। भाजपा का महाराष्ट्र में कोर वोट बैंक उत्तर भारतीय और गुजराती वोटर हैं। वहीं शिवसेना की मराठी वोटर्स में मजबूत पकड़ है। भाजपा अब इस वोट बैंक पर अपनी पकड़ राज ठाकरे के जरिए बढ़ाने का प्रयास कर रही है। गत् दिनों राज ठाकरे की औरंगाबाद रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा ने खासी मेहनत की। राज सीधे-सीधे उद्धव ठाकरे पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते इन दिनों महाराष्ट्र भर में घूम रहे हैं। शिवसेना भीतर भी सीएम उद्धव ठाकरे की कार्यशैली चलते असंतोष उभरने लगा है क्योंकि अपने पिता बाल ठाकरे के समान उद्धव ठाकरे कठोर हिंदूवादी नहीं हैं। हालांकि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे जल्द ही अयोध्या की यात्रा करने वाले हैं ताकि उनके हिंदुत्व को कठघरे में खड़ा न किया जा सके। खबर यह भी जोरों पर है कि ठाकरे सरकार औरंगाबाद का नाम बदलकर सांभाजीनगर करने वाली है ताकि शिव सैनिकों में जोश भरा जा सके। गौरतलब है कि शिवसेना के संस्थापक स्व ़बाल ठाकरे औरंगाबाद का नाम बदलने के हिमायती थे। संकट यह कि गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं बताई जा रही है।