हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसान आंदोलन के चलते दिनों दिन अलोकप्रिय होते जा रहे हैं। भाजपा संग गठबंधन कर सत्ता पाने वाले दुष्यंत पर भारी दबाव है कि वे किसानों के मुद्दे पर भाजपा के रुख का विरोध करते हुए सरकार से इस्तीफा दे डाले। यदि ऐसा होता है तो खट्टर सरकार का गिरना तय है। लेकिन सत्ता मोह दुष्यंत को ऐसा करने से रोक रहा है। हालात इतने विकट हैं कि दस विधायकों वाली दुष्यंत की पार्टी के आठ विधायक खुलकर किसान आंदोलन संग आ खड़े हुए हैं। इन विधायकों को डर है कि भाजप संग गठजोड़ उनकी राजनीति पर भारी पड़ेगा। ऐसे में वे लगातार किसानों के पक्ष में बयानबाजी कर दुष्यंत चौटाला की मुसीबतों में इजाफा कर रहे हैं।
किसान चौटाला से इस कदर खफा हैं कि चौटाला के लिए उनके विधानसभा क्षेत्र जिंद में बनाए गए हैलीपैड को उन्होंने तोड़-फोड़ डाला है। इस सबके बीच भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राव विरेंद्र सिंह ने पार्टी लाइन क्रॉस कर किसान आंदोलन के पक्ष में खड़ा होकर चौटाला के खिलाफ पनप रहे आक्रोश को भड़का दिया है। चौटाला ने पिछले विधानसभा चुनाव में जिंद की ऊंचना सीट पर राव विरेंद्र सिंह की पत्नी को हराया था। चौटाला ने अपनी तरफ से मध्यस्थ बनकर किसानों की बात केंद्र सरकार तक पहुंचाने का प्रस्ताव किसान नेताओं तक भेजा था जिसे इन नेताओं ने खारिज कर दिया है। खबर जोरों पर है कि कांग्रेस चौटाला के कुछ विधायकों से लगातार संपर्क में है। खबर यह भी गई है कि जल्द ही चौटाला की जजप पार्टी में बगावत होने जा रही है जिसका सीधा असर खट्टर सरकार पर पड़ना तय है।