भाजपा की मेघालय यूनिट फिलहाल असमंजस में दिख रही है। खबर है भारतीय जनता पार्टी ने यहां कोनराड संगमा की एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) सरकार से समर्थन वापस लेने का संकेत दिया है। इस संकेत के बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि भाजपा कोनराड संगमा से नाता तोड़ सकती है। दरअसल, भाजपा ने भ्रष्टाचार-विरोधी नारे का इस्तेमाल करते हुए चुनाव पूर्व यह बिगुल फूंका है। राज्य में बीजेपी के सिर्फ दो ही विधायक हैं, जो कि अभी तक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। दोनों ही एमएलए अक्सर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विरोधाभासी बयान देते रहे हैं। इस कयासबाजी को हवा देने का काम भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मेघालय प्रभारी डॉ चुबा एओ ने किया है। उन्होंने एक बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘हम एक महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए योजना बना रहे हैं कि हम समर्थन वापस लेंगे या नहीं। हम एमडीए सरकार से समर्थन वापस भी ले सकते हैं।’ हालांकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक यह निर्णय राज्य कार्यकारिणी समिति ने पिछले जुलाई के अंतिम सप्ताह में लिया था। मुझे आश्चर्य है कि आज तक कुछ भी क्यों नहीं हुआ।