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सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में एक और बड़ा झटका लग सकता है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने कांग्रेस छोड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि ‘मैंने वर्ष 1967 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी, लेकिन आज पार्टी से मेरे रिश्ते न के बराबर हैं। वर्किंग कमिटी से भी मुझे बाहर कर दिया गया। हां, मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन मेरा कोई संपर्क नहीं है। कोई मुझसे किसी भी चीज के लिए बात नहीं करता। मैं अपना काम करता हूं। मेरे पार्टी से रिश्ते न के समान हैं।’ कर्ण सिंह के इस बयान को उनकी ओर से कांग्रेस छोड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर रियासत के आखिरी महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह 1967 से 1973 तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे थे। हालांकि बीते कई सालों से वह उपेक्षित चल रहे हैं। गुलाम नबी आजाद की तरह ही कर्ण सिंह से भी पीएम नरेंद्र मोदी के अच्छे रिश्ते हैं। हाल ही में उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका विमोचन खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था और कर्ण सिंह की इस मौके पर जमकर तारीफ की थी। कर्ण सिंह ने भले ही अपने अगले प्लान के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन उनके पार्टी छोड़ने के कयास लगने लगे हैं। गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर में अपनी अलग पार्टी बनाने का एलान किया है। वह लगातार रैलियां कर रहे हैं और राहुल गांधी तक पर सीधा हमला बोल रहे हैं। इस्तीफा देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी के सियासत में आते ही कांग्रेस की पुरानी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी, जो दशकों से चली आ रही थी।

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