उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबियों का दावा है कि वे 18 घंटे काम करते हैं। कुमाऊं इलाके में गत् दिनों आई प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत कार्यों की कमान सीधे अपने हाथों में ले युद्ध स्तर पर आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने का काम करते नजर आए मुख्यमंत्री की सराहना भी जमकर हो रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में लिए गए कई विवादास्पद फैसलों को बदलने वाले धामी ने एंटी इन्कमबेंसी फैक्टर को कुछ हद तक थामने में सफलता पाई है। भाजपा सूत्रों की मानें तो सीएम की कार्यशैली से पार्टी आलाकमान खासा प्रसन्न है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए धामी की पीठ थपथपा चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सार्वजनिक रूप से धामी की प्रसंशा कर स्पष्ट संकेत दे डाले हैं कि यदि पार्टी चुनाव जीतती है तो धामी ही मुख्यमंत्री बनेंगे। इस सबके बावजूद पुष्कर सिंह धामी के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगी हैं। जानकारों का कहना है कि धामी पर पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं और सक्रिय कार्यकर्ताओं का खनन के पट्टे देने को लेकर भारी दबाव हर रोज बनाया जा रहा है। हालात इतने विकट है कि सीएम के पास अलग-अलग तरीकों से खनन को अंजाम देने की फाइलें का अंबार लग चुका है। गत् दिनों पार्टी के दो बड़े नेताओं के रिश्तेदारों ने बाजपुर इलाके में ‘बर्ड सेंचुरी’ खोलने का एक प्रस्ताव सीएम के समक्ष रखा। इस बर्ड सेंचुरी’ की आड़ में चिड़ियों के लिए आशियाना बनाने के नाम पर खनन का बड़ा खेल रचा जा रहा है। ‘बर्ड सेंचुरी’ के लिए तालाब की जरूरत होती हैं बाजपुर क्षेत्र में इस तालाब को बनाने के नाम पर भारी खनन का खेल किया जाना है। सूत्रों का कहना है कि धामी खेल को समझ गए हैं इसलिए भारी दबाव के बावजूद उन्होंने इसके लिए सहमति देने से इंकार कर दिया है। लेकिन इसी प्रकार के एक अन्य प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने की खबर है। इस प्राजेंट को ‘मतस्य पालन’ के नाम पर खेला जा रहा है। जसपुर के एक खनन व्यवसाई ने अपने ‘रसूख’ और सचिवालय में खनन के मामलों को देख रहे एक अधिकारी की मदद से यह प्रोजेक्ट पास करा लिया है। खबर जोरों पर है कि पूर्व सीएम हरीश रावत इस विवादित छवि के अधिकारी पर नजर बनाए हुए हैं। रावत ने जानकारी मांगी है कि बीते तीन माह के दौरान कितने ऐसे प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। जाहिर है रावत यदि सीएम बने तो इन प्रोजेक्ट्स की जांच तो होगी ही, बरसों से खनन का कार्य देखते आ रहे इस अफसर पर भी गाज गिरेगी।
आपदा और खनन से त्रस्त धामी
