गत् लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्षी दलों ने एनडीए के खिलाफ इंडिया गठबंधन बनाने का ऐलान किया था। इस गठबंधन में कांग्रेस के साथ 27 विपक्षी दल शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी भी इसका हिस्सा है। लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन ने 80 सीटों में से 43 सीटें जीत इतिहास रचने का काम कर दिखाया। अब लेकिन प्रदेश में दस विधानसभा सीटों के लिए जल्द ही होने जा रहे उपचुनाव इस गठबंधन में दरार पड़ने की तरफ इशारा कर रहे हैं। लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को मात्र दो सीटें देने की बात कर रही है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस मुस्लिम बाहुल्य पांच सीटों पर अपनी दावेदारी से पीछे हटने को तैयार नहीं है। जानकारों का कहना है कि सपा गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार है लेकिन कांग्रेस तीन अन्य सीटों पर भी अपना प्रत्याशी खड़ा करने पर अड़ी है। इन दो दलों की लड़ाई मानो काफी नहीं थी कि सीपीआई ने भी चार सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की रार को सामने ला दिया है। सीपीआई ने दलित नेता आरपी सिंह को तो मीरापुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी तक घोषित कर डाला है। खबर यह भी गर्म है कि भाजपा भीतर भी इन दस सीटों में प्रत्याशी चयन को लेकर भारी घमासान चल रहा है। कहा-सुना जा रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दफे केंद्र द्वारा थोपे गए प्रत्याशियों को आंख बंद कर टिकट के लिए कतई तैयार नहीं हैं। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव देश की राजनीति को प्रभावित करने का काम कर सकते हैं।