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कांग्रेस का कोष पूरी तरह खाली होने की खबर है। हालात इतने खराब बताए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रत्याशियों को चुनाव खर्च खुद करने के लिए कह दिया गया है। यानी पार्टी इस बार अपने प्रत्याशियों को केंद्रीय कोष से मदद दे पाने की स्थिति में नहीं है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष में कांग्रेस को 146 करोड़ का चंदा मिला है। इससे पहले के वित्त वर्ष में उसे मात्र 26 करोड़ मिले थे। माना जा रहा है पार्टी के वर्तमान कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के अथक प्रयास के चलते पार्टी को 146 करोड़ मिल पाए। खबर यह भी है कि भूपेंद्र हुड्डा को हरियाणा के चुनाव अभियान का मुखिया नियुक्त करने के पीछे अहमद पटेल के ही प्रयास रहे हैं। पटेल जानते हैं कि हुड्डा दोबारा मुख्यमंत्री बनने की चाह के चलते पार्टी के कोष में इजाफा जरूर करेंगे। यही कारण है कि कांग्रेस छोड़ने की तैयारी कर चुके हुड्डा को संभालने का जिम्मा पटेल को सौंपा गया, जिसमें वे सफल रहे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को अहमद पटेल की तरह से पार्टी के लिए धन एकत्रित करने का भारी दबाव है। दअरसल पटेल को निर्देश है कि वे अधबने पार्टी मुख्यालय को तत्काल पूरा कराने के लिए धन की व्यवस्था करें। खबर यह भी है कि पार्टी के बड़े नेताओं की आपसी रार से खिन्न सोनिया गांधी अब एक नई टीम का गठन कर पस्त कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने का मुहिम शुरू करने जा रही है।

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