छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने स्कूली शिक्षा के साथ-साथ आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) का संयुक्त पाठ्यक्रम पढ़ाकर देशभर के लिए नजीर पेश की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा देने का प्रावधान है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। संभावना है कि केंद्र सरकार इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की सिफारिश कर सकती है। इसके लिए भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने दिशा-निर्देश तैयार करने को कमेटी गठित की है। इसमें छत्तीसगढ़ से एक सदस्य नामांकित करने का अनुरोध किया गया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में इस पाठ्यक्रम के तहत आइटीआई की परीक्षा में सफल प्रशिक्षणार्थियों को राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद की ओर से आईटीआई का प्रमाण-पत्र भी दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने वर्ष 2021 से प्रदेश के 116 विकास खंडों के 119 हायर सेकेंडरी स्कूलों में स्कूली शिक्षा के साथ आईटीआई का प्रशिक्षण लेने का संयुक्त पाठ्यक्रम शुरू किया है। यहां विद्यार्थियों को 10 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिलता है। इससे युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए मदद मिलती है। योजना के तहत उद्यमिता कौशल को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है। प्रदेश के इसी संयुक्त पाठ्यक्रम की तर्ज पर अब केंद्र सरकार पूरे देश में स्कूल एजुकेशन के साथ वोकेशनल ट्रेनिंग का इंटिग्रेटेड कार्यक्रम लागू करना चाहती है। राज्य सरकार ने उनके कौशल विकास के लिए 36 आईटीआई संस्थानों के उच्चीकरण का निर्णय लिया है। इन संस्थानों में युवाओं को इंटरनेट आफ थिंक्स, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, माडर्न मोटर कार टेक्नोलॉजी जैसे आधुनिक ट्रेड का प्रशिक्षण लेने का मौका मिलेगा। सरकारी आइटीआई संस्थानों के आधुनिकीकरण के लिए लगभग 1188.36 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस राशि से इन संस्थानों में आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराइ जाएंगी।
देश में लागू होगा छत्तीसगढ़ मॉडल!
