पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस आलाकमान अपना फोकस उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में केंद्रित करने जा रहा है। इन दोनों ही राज्यों में 2022 के शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। खबर पक्की है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत मई महीने में ही इन दोनों पदों से इस्तीफा देने वाले हैं ताकि प्रदेश संगठन की कमान उनके हवाले की जा सके। पार्टी सूत्रों का कहना है कि रावत पार्टी की सर्वोच्च संस्था सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने रहेंगे, लेकिन उनके राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी का पद वापस ले लिया जाएगा। पार्टी के एक बड़े नेता की मानें तो उत्तराखण्ड कांग्रेस में पार्टी नेताओं की आपसी लड़ाई से खासे नाराज राहुल गांधी ने आगामी चुनावों में जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी हरीश के हवाले करने का मन बना लिया है। इतना ही नहीं विधानसभा चुनावों के लिए एक कोआॅर्डिनेशन कमेटी का गठन करने के साथ-साथ वर्तमान में राज्य के प्रभारी देवेंद्र यादव के स्थान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम् को लाए जाने की बात भी लगभग तय हो चुकी है। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आचार्य प्रमोद कृष्णमृ का उपयोग उत्तर प्रदेश में करने पर अड़ी हुई है। यदि वे सहमत हो जाती हैं तो मई माह के भीतर ही प्रमोद कृष्णम् को उत्तराखण्ड का प्रभारी बना दिया जाएगा। साथ ही बतौर प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत की ताजपोशी करा दी जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रीतम सिंह को कोआर्डिनेशन कमेटी में महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जा सकता है। हरीश रावत की टीम में पहले प्रदेश अध्यक्ष रह चुके किशोर उपाध्याय को बतौर कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का सुझाव भी राहुल गांधी के समक्ष रखे जाने के समाचार हैं।
उत्तराखण्ड कांग्रेस में बड़े बदलाव के के आसार
