पंजाब के मुख्यमंत्री इन दिनों चौतरफा संकट का सामना कर रहे हैं। एक तरफ पार्टी के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू संग उनकी पटरी नहीं बैठ पा रही है तो दूसरी तरफ कभी उनके खासमखास रहे कांग्रेसी भी अब उनका साथ छोड़ते नजर आ रहे हैं। अमरिंदर मंत्रिमंडल के कई बड़े चेहरे खुलकर प्रदेश अध्यक्ष के खेमे में इन्ट्री ले चुके हैं। पार्टी भीतर चल रही उठा-पटक से जूझ रहे मुख्यमंत्री को एक भारी झटका प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी दे डाला है। हाईकोर्ट ने राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दे सीएम अमेरिंदर की भारी किरकिरी कर डाली है। दरअसल इस पूर्व पुलिस महानिदेशक के खिलाफ राज्य सरकार एक साथ कई जांचें करा रही है। अपनी गिरफ्तारी की आशंका के चलते सैनी हाईकोर्ट से एन्टीसिपेटरी बेल ले चुके थे। इसके बावजूद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। हाईकोर्ट ने इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए सैनी को तत्काल रिहा करने का आदेश दे डाला। खबर गर्म है कि चौतरफा संकट का सामना कर रहे सीएम कांग्रेस आलाकमान से खासे नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी का मुख्य कारण सिद्दू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना है। सूत्रों की मानें तो उत्तराखण्ड में चुनावी तैयारियों में जुटे पंजाब प्रभारी हरीश रावत को पार्टी आलाकमान ने फिलहाल कुछ समय तक पंजाब की कमान संभाले रहने को कह दिया है। जानकारों का दावा है कि रावत अब पंजाब के प्रभार से मुक्ति चाह रहे हैं, लेकिन सिद्दू-अमरिंदर के मध्य कोल्डवार को संभालने के लिए रावत के सिवा कोई अनुभवी नेता नहीं होने के चलते पार्टी आलाकमान उन्हें पंजाब प्रभारी पद से मुक्ति नहीं दे रहा है।