उत्तराखण्ड की धामी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के लगभग ढ़ाई बरस पूरा कर चुकी है लेकिन राज्य के धाकड़ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अभी तक न तो अपने मंत्रिमंडल में खाली पड़े चार मंत्री पद भर पाए हैं और न ही विभिन्न निगमों, सरकारी प्रतिष्ठानों और समितियों में भाजपा नेताओं को दर्जाधारी पद देने के वे खास इच्छुक नजर आते हैं। देहरादून के सत्ता गलियारों में चर्चा गर्म है कि भाजपा भीतर पद के दावेदारों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। कहा-सुना तो यह भी जा रहा है कि अब तक जितने भी दर्जाधारी पद धाकड़ धामी ने बांटे हैं, उनमें से अधिकतर पर नियुक्ति पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबियों की ही हुई है। इस चलते मुख्यमंत्री पर आरोप लग रहे हैं कि वे अपने राजनीतिक गुरू कोश्यारी के दबाव में रहते हैं और उनके पसंद के भाजपा नेताओं को ही सरकारी तंत्र का हिस्सा बना रहे हैं। जानकारों का दावा है कि अब राज्य में निकाय चुनावों से पहले सीएम धामी न केवल मंत्री परिषद में बदलाव करने और उसका विस्तार करने का मन बना चुके हैं बल्कि बड़े स्तर पर भाजपा नेताओं को दर्जा पद भी देने जा रहे हैं। इस खबर चलते मंत्रियों, विधायकों और भाजपा के नेताओं के मध्य भारी बेचैनी का माहौल गर्माने लगा है।