नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सत्रों में पारित कराने के बाद केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अब सक्रिय नजर नहीं आ रही है। भाजपा नेताओं ने भी अब इस विवादित कानून पर चुप्पी सी साध ली है। भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कुछ अर्सा पहले दावा किया था कि केंद्र सरकार जनवरी 2021 में इस कानून को लागू कर देगी। अब लेकिन पार्टी इस पर खुलकर बोलने से बच रही है। 19 दिसंबर को अपने दो दिवसीय दौरे पर बंगाल पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहकर कैलाश विजयवर्गीय के दावे की हवा निकाल दी कि ‘अभी सीएए के नियम बनाने बाकी हैं।
पहले नियम बनेंगे फिर कानून को लागू करने का काम किया जाएगा।’ उन्होंने यह भी कह डाला कि पहले कोरोना के वैक्सीन लगेगी फिर सीएए लागू होगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि असम और पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के चलते पार्टी इस मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सूत्रों का यह भी दावा है कि इन दोनों ही राज्यों के भाजपा नेता चाहते हैं कि सीएए तत्काल लागू कर दिया जाए ताकि पार्टी को किसी भी सूरत में वोट न देने वाले अल्पसंख्यक वर्ग पर नकेल लग सके। अब गृह मंत्री बयान बाद ऐसे नेता सकते में बताए जा रहे हैं।