धामी सरकार के बनते ही राज्य के एक पूर्व नौकरशाह यकायक फिर से देहरादून के सत्ता गलियारों में घूमते नजर आने लगे हैं। रिटायर होने से पहले इनकी हनक और धमक राज्य की हर सरकार में हुआ करती थी। मुख्यमंत्री चाहे जो भी रहा हो, ये हमेशा महत्वपूर्ण पद पर काबिज रहते आए। इन महाशय को विजय बहुगुणा के सीएम काल में खास तव्वजो नहीं मिली थी। हरीश रावत सरकार में लेकिन इनका खासा जलवा रहा। रावत इनकी ‘क्षमताओं’ से इतने प्रभावित थे कि सेवानिवृत्ति बाद एक विशेष पद इनके लिए सृजित करने में उन्होंने देर नहीं लगाई थी। यह बात दीगर है कि रावत के बुरे दिनों में सबसे पहले उनका साथ छोड़ने वालों में यही शख्स थे। अब खबर है कि पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनते ही इन्होंने राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ा डाली है। चर्चा गर्म है कि दिल्ली के एक बेहद विवादित बिल्डर ने इन महाशय की शह पर राज्य में सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त में दलाली शुरू कर डाली है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इसी बिल्डर के एक विवादित प्रोजेक्ट को गिराए जाने का आदेश दिया था। सूत्रों का कहना है कि इस बिल्डर की आवाजाही पूर्व नौकरशाह के चलते सीएम आवास से लेकर सिडकुल मुख्यालय तक बढ़ गई है। खबर यह भी है कि दिल्ली की दलाल मंडी में यह बिल्डर सिडकुल की जमीनों का सौदा मनमाफिक तरीके से कराने का दावा करता घूम रहा है। राज्य की नौकरशाही में इन नौकरशाह की बढ़ते दखलंदाजी के चलते खासा रोष व्याप्त होने के समाचार हैं।
पूर्व नौकरशाह की दखलंदाजी से नाराज ब्यूरोक्रेसी
