उत्तराखण्ड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सत्ता संभालने के साथ ही पूर्व सीएम के करीबी कहे जाने वाले अफसरों की छंटनी शुरू कर ब्यूरोक्रेसी को सहमा दिया है। हालांकि अभी तक नए सीएम ने नौकरशाही में बड़े स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन ऐसा करने के संकेत जरूर दे डाले हैं। तीरथ सिंह रावत ने अपने पूर्ववर्ती के खासमखास रहे मेहरबान बिष्ट को सूचना महानिदेशक पद से हटाने के साथ ही त्रिवेंद्र सिंह के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट को भी बाहर का रास्ता दिखा डाला। साथ ही विवादित छवि और भ्रष्टाचार के आरोपों से लिप्त औद्योगिक सलाहकार के एस पंवार समेत कइयों को हटा दिया। इतना ही नहीं उन्होंने पूर्व सीएम के समय सीएम सचिवालय में तैनात कई सचिवों को भी हटाते हुए साफ छवि के अफसरों को अपनी टीम में शामिल किया है। खबर जोरों पर है कि तीरथ रावत अपने पूर्ववर्ती के खासमखास नौकरशाह ओम प्रकाश के स्थान पर नए मुख्य सचिव की नियुक्ति का मन बना चुके हैं। सूत्रों का दावा है कि केंद्र की प्रतिनियुक्ति से डाॅ. सुखबीर सिंह सिंधु को वापस बुलाया जा सकता है। यदि किसी कारण ऐसा नहीं हुआ तो अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को नया मुख्य सचिव बनाया जाएगा। साथ ही कई महत्वपूर्ण जिलों के डीएम एवं एसपी को भी हटाने की चर्चा है। कुंभ मेले की तैयारियों से खासे असंतुष्ट दिख रहे तीरथ रावत ने जिस तरीके से मेला अधिकारी दीपक रावत के पर कतरे उससे नौकरशाही में खलबली मच गई है। खबर गर्म है कि कई नौकरशाह अब तीरथ के करीबियों से संपर्क कर अपनी कुर्सी बचाने में लग चुके हैं।