[gtranslate]
Sargosian / Chuckles

गोवा में भाजपा की बढ़ती अंतर्कलह

भाजपा शासित राज्यों में गोवा एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां पार्टी की आंतरिक कलह सार्वजनिक तौर पर दिखाई देती है। 40 सदस्यीय विधानसभा सीट वाले गोवा में दरअसल राजनीति पार्टी केंद्रित न होकर व्यक्ति केंद्रित रहती आई है। ऐसे में भाजपा में शामिल हुए अन्य दलों के नेता भाजपा की अनुशासन परक नीति का खुला उल्लंघन करते रहते हैं। गत् दिनों केंद्रित गृह मंत्री अमित शाह के गोवा दौरे में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। 14 अक्टूबर के दिन पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के दौरान दो ताकतवर मंत्रियों ने अमित शाह की उपस्थिति में मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना कर डाली। विश्वजीत राणा और मोविन गाडइन्हों ने सीएम पर अपनी उपेक्षा करने का आरोप लगा डाला। विश्वजीत राणा अपनी पत्नी डॉ ़ दिव्या राणा के लिए पार्टी का टिकट चाहे रहे हैं जिसके लिए सीएम प्रमोद सावंत तैयार नहीं हैं। मोविन गाडइन्हों भी नाराज बताए जा रहे हैं। उनके मंत्रालय के कई प्रस्ताव सीएम सावंत ने रोक कर रखे हैं। एक अन्य मंत्री लोबो ने तो खुलकर ऐलान कर डाला है कि यदि पार्टी उनकी पत्नी को टिकट नहीं देगी तो वे किसी अन्य दल में जा सकते है। दिनों दिन बढ़ रही इस आंतरिक कलह का असर नजर भी आने लगा है। कुछ अर्सा पहले तक भाजपा नेता दावा कर रहे थे कि 2022 के चुनाव में पार्टी अपने दम पर अकेले सरकार बना लेगी। अब उसके सुर बदलने लगे हैं। प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तनावाड़े ने अमित शाह के दौरे बाद क्षेत्रिय दलों संग गठबंधन कर चुनाव लड़ने की बात कह डाली है। दअरसल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव ने प्रदेश भाजपा नेताओं की नींद उड़ा डाली है। ममता एग्रेसिव तरीके से गोवा में तृणमूल की जमीन मजबूत करने में जुटी हुई हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो तृणमूल ज्वाइन कर चुके हैं तो कई अन्य नेता पाला बदलने की कतार में खड़े नजर आ रहे हैं। माहौल की नजाकत को भांपते हुए अब अमित शाह ने गोवा चुनाव प्रबंधन की कमान खुद संभाल तो ली है कि लेकिन ममता बनर्जी की रणनीति और प्रदेश भाजपा में दिनोंदिन बढ़ रही रार के चलते भाजपा के लिए गोवा में दोबारा सत्ता पाना खासा कठिन दिखाई पड़ रहा है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD