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तेलंगाना के हैदराबाद नगर निगम चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सदमे में बताया जा रहा है। कारण है महाराष्ट्र में विधान परिषद की छह सीटों के लिए हुए चुनावों में आई करारी हार। इन चुनावां में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को चार सीटें तो भाजपा -कांग्रेस के खाते में एक-एक सीट मिली हैं। भाजपा की सबसे बड़ी हार नागपुर में हुई जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गढ़ होने के चलते भाजपा का अभेद किला माना जाता है। इस सीट पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गड़करी भी सदस्य रह चुके हैं। पिछले 58 सालों में कांग्रेस को कभी भी इस सीट पर विजय नहीं मिली थी। इस बार लेकिन भाजपा प्रत्याशी की हार और कांग्रेस की जीत ने सबको चैंका दिया है। भाजपा इन चुनावों को पूरी ताकत के साथ लड़ी थी। प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं ने जमकर अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया लेकिन नतीजे अनुकूल न आने के चलते हैदराबाद निगम चुनाव में पार्टी का शानदार प्रदर्शन फीका पड़ गया है। भाजपा नेतृत्व की चिंता नागपुर क्षेत्र में पार्टी के लगातार घट रहे प्रभाव को लेकर है। गत् विधानसभा चुनावों में भी यहां से पार्टी का प्रदर्शन खास अच्छा नहीं रहा था। खबर है कि जल्द ही पार्टी नेतृत्व महाराष्ट्र प्रदेश इकाई में बड़े बदलाव कर सकता है।

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