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बंगाल में हार से खुश भाजपाई दिग्गज

पश्चिम बंगाल में भाजपा के दो दिग्गज नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जमकर चुनाव प्रचार किया। बेतहाशा पैसा खर्च किया गया। तृणमूल कांग्रेस में बगावत कराई गई। शारदा चिट फंड केस के सभी दागियों को येन-केन-प्रकारेण भाजपा में शामिल कराया गया। ईडी, सीबीआई और इंकम टैक्स का डंडा भी जमकर भाजा गया। मनोविज्ञान का सहारा भी लिया गया। प्रथम चरण की वोटिंग के बाद ही केंद्रीय गृहमंत्री ने हवा बांधनी शुरू कर दी कि भाजपा सरकार बनाने जा रही है। सरकार परस्त मीडिया कंपनियों, सर्वेक्षण एजेंसियों ने भी कांटे की टक्कर बता डाली। सब कुछ लेकिन व्यर्थ गया। कांटे की टक्कर बताने वाले ‘चारणी’ मीडिया का सच भी सामने आ गया। ममता बनर्जी पिछले विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा सीटें जीत पाने में सफल रहीं। भाजपा की इस करारी हार से जहां विपक्षी दल उत्साहित हुए हैं, उनसे कहीं अधिक भाजपा के भीतर खुशी की खबरें आ रही हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास विशेष रूप से इस हार के बाद राहत महसूस रहे हैं। मध्य प्रदेश के दो भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय एवं नरोत्तम मिश्रा को पार्टी आलाकमान ने पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी दी थी। विजय वर्गीय तो भाजपा के मिशन बंगाल का चेहरा ही थे। ऐसे में यदि बंगाल में पार्टी को जीत मिलती तो इन दोनों नेताओं का कद खासा बढ़ जाता। मुख्यमंत्री शिवराज के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने की चाह रखते हैं। अब ऐसा होने वाला नहीं। इसी प्रकार झारखंड के पूर्व सीएम एवं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी पश्चिम बंगाल के जनजातीय सीटों पर काम कर रहे थे। जीत मिलती तो उनका कद बढ़ता जिसका सीधा प्रभाव रघुवर दास के कद पर पड़ना तय था। जानकारों का दावा है कि कई पुराने दिग्गज भाजपाई भी खासे प्रसन्न हैं। खबर है कि इन दिनों मार्गदर्शक मंडल में डाल दिए गए आडवाणी और जोशी के घर ऐसे नेताओं की आवाजाही बढ़ने लगी हैं।

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