[gtranslate]

देश में जहां साल के अंत में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो वहीं अब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। चुनाव से पहले दो बड़े गठबंधन एनडीए और ‘इंडिया’ के अलावा तीसरे मोर्चे को लेकर भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि अभी तक जो दल इन दोनों गठबंधन के साथ नहीं गए हैं वो इस मोर्चे में शामिल हो सकते हैं। विपक्षी गठबंधन छोटे-छोट दलों को साधने का प्रयास कर रही है तो ‘एनडीए’ एक बार फिर मोदी के चेहरे पर ही चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति तैयार कर रही है। विपक्ष गठबंधन की दो बैठकों में बहुजन समाज पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया और साथ ही ‘एनडीए’ की बैठक में भी नहीं दिखाई दी। बसपा को लेकर राजनीतिक जगत में कई कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शायद बसपा बीजेपी के साथ जाए। बसपा अध्यक्ष मायावती ने हाल ही में इस साल के अंत में राजस्थान में होने वाले चुनाव में भी अपनी पार्टी को उतारने का एलान किया है। वहीं यूपी में भाजपा ने क्लीन स्वीप की रणनीति तैयार कर ली है। पिछले कई दिनों से भाजपा और जयंत चौधरी की ‘आरएलडी’ के बीच गठबंधन की चर्चा चल रही थी। अब दोनों तरफ से इसे लेकर इनकार कर दिया गया है। भाजपा को आरएलडी की तुलना में मायावती की बसपा ज्यादा मुफीद लग रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बसपा से गठबंधन और सीटों के तालमेल का फार्मूला भी तय कर लिया गया है। भाजपा नेताओं का मानना है कि आरएलडी से उतना फायदा नहीं होगा जितना बसपा से गठबंधन होने पर मिल सकता है। अभी मायावती की तरफ से इस बारे में कोई बयान तो नहीं आया है लेकिन भाजपा को उम्मीद है कि गठबंधन हो जाएगा। भाजपा नेताओं का कहना है कि बसपा के अकेले लड़ने पर विधानसभा चुनाव जैसी उसकी स्थिति हो सकती है। बसपा 2007 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही लगातार हार का सामना कर रही है। बसपा से गठबंधन कर भाजपा एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश में है। पिछले चुनाव में बसपा ने पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर जोरदार उपस्थिति दर्ज की थी। इसका पूरा फायदा बसपा और भाजपा दोनों को मिलेगा। इसके साथ ही बसपा से गठबंधन हुआ तो सपा के साथ आरएलडी का भी खेल बिगड़ जाएगा।

You may also like

MERA DDDD DDD DD