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आगामी विधानसभा चुनाव में मेघालय में भाजपा के सभी 60 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के एलान के बाद माना जा रहा है कि त्रिपुरा में भी भाजपा ‘एकला चलो’ की नीति पर चलेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता यह मानकर चल रहे हैं, क्योंकि मेघालय की अपेक्षा त्रिपुरा में पार्टी का जनाधार बढ़ा है। डबल इंजन की सरकार होने के कारण वहां पर विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। दूसरी ओर महाराष्ट्र और बिहार से सबक लेते हुए, पार्टी अपने ही दम पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी महासचिव बीएल संतोष और प्रभारी व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ ़महेश शर्मा सहित कई लोगों ने त्रिपुरा का दौरा कर वहां की जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि दूसरी पार्टियों का सहारा खोजने की बजाय अपना जनाधार मजबूत बनाएं और खुद के दम पर चुनाव लड़ें। कुछ समय पहले पार्टी महासचिव बीएल संतोष ने त्रिपुरा का दौरा किया था और उन्होंने भी इसी तरह के ही संकेत दिए थे। हालांकि त्रिपुरा के नवनियुक्त भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी ने कहा ‘पार्टी आईपीएफटी के साथ अपने मौजूदा गठबंधन को जारी रखेगा या नहीं इस पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। भाजपा हमेशा अपने सहयोगियों के साथ सम्मान के साथ पेश आती है।’

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