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नहीं सध रहे बंशी के सुर

उत्तराखण्ड भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत यूं तो खांटी भाजपाई हैं, प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं और स्वच्छ छवि के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद उनकी ‘बंशी’ के सुर सध नहीं पा रहे हैं।  पार्टी सूत्रों का कहना है कि भगत को सबसे ज्यादा परेशानी कुमाऊं क्षेत्र के भाजपा दिग्गजों के असहयोग के चलते हो रही हैे।

प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार कैलाश पंत के समर्थक भगत की ताजपोशी को पचा नहीं पा रहे हैं तो महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह के खासमखास विधायक पुष्कर धामी के समर्थक भी नए पार्टी अध्यक्ष संग असहयोग का रुख अपना रहे हैं। गढ़वाल के दिग्गज भाजपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री धन सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार रहे ज्योति गैरोला के भी नए अध्यक्ष संग सुर-ताल ठीक से नहीं बैठने की खबर है।

हालांकि, नैनीताल से सांसद अजय भट्ट के समर्थक दावा  कर रहे हैं कि भट्ट ने स्वयं दोबारा अध्यक्ष बनने से इंकार किया है, लेकिन भीतरी खबर है कि भट्ट एक बार फिर से अध्यक्ष बनने की चाह लिए थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने हामी नहीं भरी। जाहिर है मजबूरी में भट्ट को अपनी ताकत भगत के लिए लगानी पड़ी। अब लेकिन भट्ट के कई करीबी भगत की राह में रोड़ा अटकाने का काम करते नजर आ रहे हैं।

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