छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों असम में अपनी पार्टी के लिए दिन-रात एक करने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने विभिन्न गुटों में बंटी प्रदेश कांग्रेस में एकजुटता लाने और आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को परास्त करने की नीयत से भूपेश बघेल को असम चुनावों की जिम्मेदारी दी है। खबर है कि बघेल इस जिम्मेदारी को पूरी ताकत और ईमानदारी से निभाने में जुट भी गए हैं। अपने तीन सलाहकारों-विनोद वर्मा, रुचिर गर्ग और राजेश तिवारी को बघेल ने इन दिनों असम में तैनात किया हुआ है। उन्हें निर्देश दिए हैं कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपनाई गई सारी तिकड़मों को असम में आजमाएं। पार्टी सूत्रों का दावा है कि बघेल असम कांग्रेस के चारों दिग्गज नेताओं-गौरव गोगोई, सुष्मिता देव, देवब्रत सैंकिया और बोहुआ सत्तरा से लगातार संपर्क बनाए रखते हैं ताकि किसी भी प्रकार की गुटबाजी को रोका जा सके। इतना ही नहीं बघेल ने राज्य में बडे़ नेताओं की पदयात्रा और शिविरों का आयोजन भी बड़े स्तर पर शुरू कर डाला है। खबर जोरों पर है कि इन सबके चलते भाजपा नेताओं के भीतर भारी बेचैनी पैदा करने का काम कर दिया है। रही-सही कसर कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी के दौरों ने पूरी कर डाली है। सूत्रों की मानें तो असम में भाजपा की सत्ता वापसी की राह अब बेहद कठिन हो चली है।
बघेल भरोसे कांग्रेस
