राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही। पिछले दिनों राफेल रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री मोदी का बचाव करते दिखे पवार की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दूरियां बढ़ने की खबरों के बीच अब उनके घर में ही राजनीतिक विरासत का झगड़ा शुरू होने के समाचार हैं। अपनी पार्टी के संस्थापक सदस्य तारिक अनवर के साथ छोड़ने से व्यथित पवार के सामने एक बड़ी समस्या सांसद पुत्री सुप्रिया सुले और भतीजे अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार के चलते सामने आ गई है। जानकारों की मानें तो पार्थ इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। समस्या यह है कि अपने परिवार के मध्य विरासत का निपटारा शरद पवार पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने भतीजे अजीत पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का जिम्मा सौंपा था और केंद्र में बेटी सुप्रिया को स्थापित कर गृह शांति स्थापित करने में सफलता पाई थी। अब लेकिन पार्थ की राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने उन्हें धर्म संकट में डाल दिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो सुप्रिया सुले नहीं चाहती कि परिवार का कोई व्यक्ति दिल्ली दरबार में उनके समकक्ष खड़ा हो। खबर है कि शरद पवार का अधिकांश समय इस दौरान गृह कलह को दूर करने में बीत रहा है।
संकट में शरद
