साल के अंत तक छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में बड़े बदलाव की संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर एक नया चेहरा देखने को मिल सकता है। दरअसल राहुल गांधी के सूरत से वापसी के बाद छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेता दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद प्रदेश में बदलाव के कई तरह की अटकलें लगाई जानी शुरू हो गई थीं। इन अटकलों के बीच दो नेताओं का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा था। जिसमें एक कैबिनेट मंत्री अमरजीत सिंह भगत तो दूसरे लोकसभा सांसद दीपक बैज शामिल हैं। वहीं इस बीच दीपक बैज दिल्ली भी पहुंचे और दिल्ली पहुंचकर दीपक बैज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। हालांकि छत्तीसगढ़ का कांग्रेस पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इस बात का अंतिम फैसला हाईकमान लेगा। पहले चर्चा थी कि सरगुजा से आने वाले कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत को पार्टी की कमान सौंपकर मोहन मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन कहते हैं कि यह समीकरण उस वक्त फेल हो गया जब भगत की ओर से अध्यक्ष नहीं बनने की बात रखी गई। दीपक बैज को लेकर सहमति बनने की खबर के पीछे यह दलील दी जा रही है कि मरकाम की तरह वह भी बस्तर से आते हैं, पार्टी के सांसद हैं, युवा चेहरे हैं। हाल ही में रायपुर में हुए अधिवेशन में भी युवा चेहरों को महत्वपूर्ण पदों पर लाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। दीपक को यदि पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो यह नई परंपरा कि शुरुआत करने जैसा होगा। दूसरा फैक्टर बस्तर का धर्मांतरण का मुद्दा भी है, जिसे बीजेपी-आरएसएस हवा दे रही है। आने वाले चुनाव में यह बड़ा सियासी मुद्दा बनेगा। दीपक बस्तर से होने के नाते इस सियासी मुद्दा का काट बेहतर ढंग से तलाश सकते हैं।
अमरजीत सिंह भगत, दीपक बैजल छत्तीसगढ़
