देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और उपराष्ट्रपति चुनाव की भी घोषणा हो गई है। उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा। चुनाव की घोषणा के साथ ही इस पद के लिए एनडीए की ओर से कौन उम्मीदवार होगा इसकी चर्चा शुरू हो गई। कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिदर सिंह को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए का उम्मीदवार बना सकती है। चर्चा इस बात की भी है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की ओर से ऐसा फैसला हो सकता है जो पहले उपराष्ट्रपति पद के लिए न हुआ हो। बीजेपी की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। लेकिन कहा जा रहा है किब अब तक कोई सिख उपराष्ट्रपति भी नहीं बना है। ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह पर दांव लगा सकती है। यदि एनडीए की ओर से ऐसा फैसला होता है तो वैसा हो जाएगा जो पहले कभी नहीं हुआ है। दरअसल कैप्टन ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। अब खबर यह भी आ रही है कि उन्होंने जो अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था, उसकी भी भगवा खेमे में विलय करने की तैयारी चल रही है। कैप्टन अमरिदर सिंह ने 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव भाजपा और सुखदेव सिंह ढाडसा के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन में लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होना है। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं। भाजपा के लिए यह लड़ाई काफी आसान है। दोनों सदनों में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है। उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए और भी कई नामों पर चर्चा चल रही है। इनमें महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल हैं। जल्द ही किसी एक नाम पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व और संसदीय बोर्ड मुहर लगा सकता है। बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति कैंडिडेट की तरह यह नाम भी चौंकाने वाला हो सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। उसके इस फैसले ने जहां विपक्ष की उम्मीदों की हवा निकाल दी है, वहीं विपक्ष की एक बड़ी नेत्री को भी पशोपेश में डाल दिया है। यह नेत्री हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी होना ही ममता बनर्जी के लिए एक मुश्किल सवाल बन गया है। इसके पीछे है पश्चिम बंगाल का आदिवासी वोट बैंक।