जयललिता के निधन बाद से ही अन्नाद्रमुक के भीतर भारी घमासान शुरू हो गया था। पहले पार्टी पर कब्जा करने का प्रयास जयललिता की खास सहेली रहीं शशिकला ने किया। बेचारी सीएम बनने ही जा रही थी कि भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें चार बरस कारावास की सजा सुना दी गई। उनके जेल जाने के बाद पार्टी और सीएम पद के लिए पनीरसेल्वम और पलानी स्वामी के बीच महाभारत शुरू हो गया। दोनों ने हालांकि वक्त की नजाकत भांपते हुए समझौता कर लिया पलानी स्वामी सीएम तो पनीरसेल्वम डिप्टी सीएम बन गए। दोनों ने ही मिलकर शशिकला को बाहर का रास्ता दिखा डाला।
अब शशिकला एक बार फिर से अन्नाद्रमुक में कब्जा करने के लिए सक्रिय हो चली हैं। खबर है कि अन्नाद्रमुक का कैडर बड़ी संख्या में शशिकला की वापसी चाह रहा है। इससे चिंतित पलानीस्वामी ने शशिकला से संपर्क रखने का आरोप लगाते हुए 16 वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निलंबित कर डाला है। सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में कई बड़े नेताओं पर शशिकला समर्थक होने चलते गाज गिरनी तय है। खबर गर्म है कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले हर कीमत पर पार्टी की कमान एक बार फिर से संभालने का पक्का इरादा शशिकला ने बना लिया है।
स्टालिन का सिरदर्द बनते पीटीआर