महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार की बगावत के बाद सियासी तूफान उठ गया है। अजित पवार ने 2 जुलाई को राज्य के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है। उन्होंने पार्टी के कई विधायकों को साथ लेकर बगावत कर दी और एनडीए में शामिल हो गए हैं। एनसीपी में उठे इस सियासी संकट के बीच पार्टी के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। सवाल उठ रहा है कि अगर एनसीपी में दो गुट बन जाते हैं, जैसा कि नजर भी आ रहा है, तो शरद पवार के गुट का भविष्य कौन हो सकता है? इस बीच एक और नाम की चर्चा शुरू हो गई है, वह नाम है रोहित पवार का। पवार कर्जत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। वे रिश्ते में शरद पवार के परपोते लगते हैं। रोहित पवार बिजनेसमैन भी हैं, वे बारामती एग्रो लिमिटेड के सीईओ हैं। उन्होंने सितंबर 2018 से 2019 तक इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। 2017 में पुणे के बारामती तालुका में शिरसुफल-गुनावाड़ी क्षेत्र से जिला परिषद चुनाव लड़ा और जीता था। अक्टूबर 2019 में कर्जत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। दरअसल अजित पवार इससे पहले भी 2019 में शरद पवार का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ कुछ घंटों की सरकार बना चुके हैं। हालांकि तब वे मनाने पर वापस आ गए थे, लेकिन इस बार उनकी घर वापसी मुश्किल लग रही है। इन सबके बीच सियासी गलियारों में चर्चा है कि अब शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय राजनीति और रोहित पवार को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी जा सकती है।