ट्रिपल तलाक कानून और अनुच्छेद 370 के सफाए बाद भाजपा का हौसला खासा बढ़ा तो है, लेकिन झारखण्ड को लेकर पार्टी आलाकमान दुविधा में बताया जा रहा है। लोकसभा चुनाव से कुछ अर्सा पहले तक हरियाणा से कांग्रेस को भारी उम्मीदें थी लेकिन पुलवामा आंतकी हमले बाद माहौल पूरी तरह बदल गया। यही हाल महाराष्ट्र का भी है। इन दोनों ही प्रदेशों में भाजपा जीत के प्रति आश्वस्त है, लेकिन झारखण्ड में स्थिति थोड़ी अलग है। यहां नक्सलवाद के चलते, वर्तमान राज्य सरकार की काहिली के चलते और आदिवासी बाहुल्य इलाके में हिन्दुत्व की कम धमक के कारण भाजपा नेतृत्व पार्टी की दोबारा सरकार बनने को लेकर खास आशान्वित नहीं बताया जा रहा है। यही कारण है कि आदिवासी नेता और पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। इसके बावजूद बहुत संभावना है कि पार्टी हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ झारखण्ड में चुनाव कराने के बजाए तय समय, जनवरी 2020 में ही चुनाव कराए।
मुंडा के भरोसे झारखंड भाजपा
