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तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों भाजपा के राज्य में तेजी से बढ़ रहे प्रभाव के चलते खासी चिंतित बताई जा रही हैं। लोकसभा चुनावों में भाजपा पहली बार पश्चिम बंगाल में 18 लोकसभा सीटें जीत नंबर दो पर आ चुकी है। बड़ी तादात में तृणमूल नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इन सबके चलते ममता बनर्जी ने अपना कांग्रेस विरोध छोड़ने का निर्णय ले लिया है। जानकारों की मानें तो बजट सत्र की समाप्ति के बाद से ही ममता कांग्रेस को लगातार मिलकर चुनाव लड़ने के संदेश भेज रही हैं। ममता के खास दो सांसद सुदीप बंदोपध्याय और कल्याण बनर्जी पिछले दिनों राहुल गांधी से मिले। खबर है कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात का समय मांगा है। इस बीच यह चर्चा भी जोरों पर है कि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी 2021 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी संग ममता बनर्जी के संबंध कभी अच्छे नहीं रहे हैं। लेकिन सोनिया गांधी से उनकी ठीक निभती है। कभी स्व ़ राजीव गांधी के चलते राजनीति में चमकी ममता का कांग्रेस प्रेम इस बार फिर से जागा तो लेकिन भाजपा की डर से। अब देखना यह बाकि है कि कांग्रेस ममता के दोस्ती के लिए बढ़े हाथ को थामती है या फिर सीपीएम संग गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरती है।

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