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एआईएमआईएम के नेता और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन औवेसी अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। औवेसी हैं तो कट्टरपंथी मुस्लिम नेता लेकिन जहां कहीं भी उनकी पार्टी चुनाव लड़ती है वहां भाजपा को भारी फायदा पहुंचा जाती है। औवेसी धर्मनिरपेक्ष दलां को मिलने वाले अल्पसंख्यक वोटों में बंटवारा कर देते हैं। इस चलते विपक्षी दल उन्हें भाजपा की ‘बी’ टीम कहते हैं। इन दिनों उत्तर प्रदेश में यह ‘बी’ टीम कुछ ऐसा ही करती नजर आ रही है। औवेसी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं के बीच सघन प्रचार करने में जुटे हैं जिसका प्रभाव सपा-रालोद गठबंधन को कमजोर करता दिखाई देने लगा है। कुछ दिनों पूर्व अपने इस अभियान तहत औवेसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौजूद थे। 3 फरवरी को मेरठ से दिल्ली वापस लौटते समय उनकी गाड़ी पर कई राऊंड फाइरिंग की घटना हो गई। हालांकि इस घटना में किसी प्रकार की जान-माल हानि नहीं हुई लेकिन मामला मीडिया की सुर्खियों में तत्काल छा गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने औवेसी को केंद्रीय सुरक्षा दिए जाने का एलान कर दिया। अगले दिन संसद में औवेसी ने सुरक्षा लेने से इंकार करते हुए हुंकार भरी कि उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा के बजाए ऐ श्रेणी का नागरिक बनाया जाए। उनका इशारा देश भर के अल्पसंख्यकों की तरफ था जो वर्तमान में अपने को दोयम दर्जे का नागरिक समझने लगे हैं। बहरहाल इस गोलीकांड के साथ एक रोचक प्रसंग भी इन दिनों खासी सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल 3 फरवरी की शाम जब औवेसी अपने दिल्ली स्थित घर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि उनकी पत्नी बेसब्री से उनका इंतजार कर रही हैं। पूछने पर पत्नी ने याद दिलाया कि आज उन्हें रात्रि भोज करने बाहर जाना है। थके मारे औवेसी ने पत्नी को गोलीकांड की सूचना दी तो पत्नी ने उसे औवेसी की बहानेबाजी करार
दे डाला। वे मानने को ही तैयार नहीं हुई कि सच में ऐसा कुछ घटित हुआ है। मामला तब सुलझा जब औवेसी की बेटी ने अपनी मां को सारे मामले की जानकारी दी। इसके बाद मैडम शांत हुईं तो औवेसी ने डायलॉग दे मारा ‘गोली से बच गया लेकिन बीवी की तिरछी नजर से बचना मुश्किल है।’

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