झारखंड कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पार्टी के नेता 2019 में लोकसभा चुनाव वाले नतीजे को उलटने की रणनीति बनाने में लगे हैं। तब 14 लोकसभा सीट में से 12 सीटें एनडीए ने जीत ली थी और यूपीए को दो सीटें मिली थी। इस बार कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे तक का प्रोग्राम झारखंड में करवाना चाहती है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की भी खबरें आती रहती हैं। जिसके चलते नेतृत्व परिवर्तन के भी कयास लगने लगे हैं। पार्टी के कई नेता इसके लिए आये दिन दिल्ली में कैंप भी करते नजर आये हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को बदलने की अटकलें क्यों लगाई जा रही हैं। दरअसल कांग्रेस का एक गुट झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व को लेकर शुरुआती दिनों से ही लगातार पार्टी में आवाज मुखर करती रही है। पहले उन्हें पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह का पसंद बताया गया उसके बाद उनकी एनसीपी से आए नेता के रूप में निंदा की गई, मंत्री रामेश्वर उरांव ने तो इशारों इशारों में कई बार नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र है। इसलिए पार्टी के नेता-कार्यकर्ता दिल्ली जाते रहते हैं, लेकिन जिस तरह से वर्तमान अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी संगठन मजबूत हुई है, वैसे में कोई कारण नहीं कि कोई नेतृत्व बदलाव हो।