बीते दिनों भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी के बयानों के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। गांधी परिवार के बाबत दिए गए बयान से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपने राजनीतिक भविष्य के लिए कांग्रेस की ओर देख रहे हैं। बहन प्रियंका से उनके प्रेम को देखते हुए इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे ‘घर वापसी’ कर सकते हैं। वरुण गांधी मौजूदा समय में पीलीभीत से सांसद हैं। इससे पहले भी वह दो बार सांसद रह चुके हैं। वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे हैं। उनकी मां मेनका गांधी भी केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। लेकिन फिलहाल मां और बेटे दोनों ही ‘खाली हाथ’ हैं। ऐसे में हाल ही में अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे के दौरान वरुण गांधी ने इशारों में ही अपनी पार्टी को घेरते हुए कहा कि भारत माता की जय और जय श्रीराम के नाम पर वोट मांगने वालों को वोट न दें, क्योंकि उसके बाद आप एक मनुष्य नहीं रह जाते, सिर्फ एक आंकड़ा हो जाते हैं। आपका सम्मान नहीं रह जाता है। इसी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि गांधी परिवार उस किस्म का नहीं है, जो मीठी-मीठी बातें बताकर आपका वोट चोरी कर ले। वरुण गांधी के इस बयान पर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। उनके इस बयान में कहे गए शब्दों को ‘परिवार प्रेम’ के इशारे के तौर देखा जा रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वरुण गांधी और प्रियंका गांधी के बीच बहुत प्रेम है। दोनों ही एक दूसरे का आदर करते हैं। वरुण गांधी के इस बयान से कहा जा रहा है कि भाजपा में घुटन महसूस कर रहे वरुण गांधी कांग्रेस में आने को तैयार हैं यानी वे घर वापसी कर सकते हैं। गौरतलब है कि देश आम चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। एनडीए और इंडिया के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है। लगभग तीन दशकों से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सियासी सूखे पर वोटों की बारिश के लिए तरस रही है। माना जा रहा है कि वरुण गांधी ऐसे बादल हो सकते हैं, जो कांग्रेस के सियासी सूखे पर वोटों की बारिश कर सकते हैं। वरुण भी भाजपा में सहज नहीं है। वह घुटन महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस और वरुण दोनों के लिए कह सकते हैं, मजबूर ये हालात इधर भी हैं, उधर भी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों की मजबूरियां क्या गुल खिलाती हैं।
घर वापसी कर सकते हैं वरुण
