[gtranslate]

हाल ही में हुए राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के चुनाव में चौथी राज्यसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी थी, क्योंकि इस सीट पर अंतिम फैसला क्षेत्रीय दलों के विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों को करना था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन विधायकों को साधने के लिए एक चक्रव्यूह बनाया और भाजपा को उसके आस-पास भी नहीं फटकने दिया। नतीजा यह हुआ कि कुछ वक्त पहले तक अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस ने बड़ी आसानी से चौथी राज्यसभा सीट जीत ली। इस जीत की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय माकन को निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकय शर्मा से हार का सामना करना पड़ा है। वहां कांग्रेस के नेता कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान में भाजपा की वसुंधरा राजे जैसी कद्दावर नेता की करीबी रहीं शोभारानी कुशवाह को गहलोत ने अपने पाले में कर इस जीत के साथ सचिन पायलट के प्लेन को उड़ने से पहले ही उसकी लैडिंग करा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गहलोत के दांव से भाजपा से भी बड़ा नुकसान सूबे के युवा नेता सचिन पायलट को हुआ है। सचिन पायलट के समर्थक इस उम्मीद में थे कि पार्टी और सरकार में अंतर्कलह की जो चर्चा चल रही है, उसकी वजह से आलाकमान जल्द प्रदेश कांग्रेस संगठन और सरकार में बदलाव करते हुए पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। लेकिन राज्यसभा चुनाव के नतीजों से अशोक गहलोत ने आलाकमान को साफ संदेश दे दिया है कि वह दूर जा रहे लोगों को वापस लाना भी जानते हैं और जो अपने साथ नहीं हैं, उन्हें अपने साथ जोड़ना भी।’ राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक कांग्रेस अब राजस्थान राज्यसभा चुनाव में मिली जीत को पूरे देश में अपनी खोई साख दोबारा बनाने के लिए इस्तेमाल करेगी। साथ ही चुनाव पूर्व पायलट को सीएम बनाए जाने की चर्चाओं पर भी इस जीत ने प्रश्न चिÐ लगाने का काम कर डाला है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD